*"खाकी"पहन कर "लेडी सिंघम" बनेगी रतलाम की" बेटियाँ"*
इंडिया टीवी से . मुजफ्फर अली.
संभाग ब्यूरो चीफ रतलाम..
मध्य प्रदेश.
रतलाम।मजदूर परिवार में जन्मी दो दर्जन बेंटियों में देशभक्ति और जनसेवा का भाव जगा है और ये सभी पुलिस विभाग में सेवाएं देकर अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने का मन बना चुकी है।
इनकी इस भावना की कद्र करते हुए इस मामले से जुड़े प्रस्ताव को कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान और एसपी गौरव तिवारी ने भी हरीझंडी दिखाई हैं।
दरअसल महिला एवं बाल विकास विभाग ने बेटी बचाओं- बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत एक नवाचार करते हुए बेटियों को पुलिस सेवा से जोड़ने की योजना बनाई और इस योजना के तहत शहर परियोजना-2 के अन्तर्गत आने वाले ईश्वर नगर व आसपास में रहने वाली लड़कियों का सर्वे किया गया जो पुलिस सेवा में आने का जज्बा रखती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनिता यादव के निर्देश और क्षेञीय पर्यवेक्षक एहतेशाम अंसारी के मार्गदर्शन में किए गए इस सर्वे में करीब दो दर्जन मजदूर परिवारों की बेटियों ने पुलिस सेवा में जाने का जज्बा दिखाया है।
मजदूरी कर इन बेटियों को पढ़ाने में भी इनके माता-पिता ने कसर नही छोड़ी है और ये बच्चियां 12 पास है इनमे से कुछ B. B. A, B. S. C, B. Com, और B. A तक की पढ़ाई भी पूरी कर चुकी हैं।
सोमवार को विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने इस पहल को सराहनीय बताते हुए इस पर जल्द शुरु करने के निर्देश दिए वही इस पुण्य के काम में भागीदारी निभाते हुए एसपी गौरव तिवारी ने भी इन बेटियों को शारीरिक रुप से दक्ष बनाने की जिम्मेदारी ली हैं। पुलिस विभाग रतलाम में ही इनकी ट्रेनिंग का इंतजाम करेगा वही इन बेटियों की डाईट आदि का इंतजाम जिला कार्यक्रम अधिकारी की और से रहेगा।
जिला, पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग की इस पहल को खूब तारीफे भी मिल रही है और शहर के लिए गौरव की बात ये कि कमजोर तबके से जुड़ी बेटियां कानून व्यवस्था का हिस्सा बन रही हैं।
आगामी कुछ दिनो में इनका प्रशिक्षण शुरु हो जाएगा और आगामी वर्ष के पहले माह में होने वाली संभावित पुलिस भर्ती में रतलाम की ये बेटियां भी दमखम के साथ हिस्सेदारी कर पाएगी।