अतिक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना

अतिक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवेहलना।


अवैध निर्माण के दर्जनो स्थान चिन्हित


नगर में चलेगा क्या  निगम का हथौड़ा 


 इंडीया टीवी न्यूज़...,,,,


मध्य्प्रदेश राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही अवैध निर्माण अतिक्रमण हटाने की माफिया के विरुद्ध मुहिम के अंतर्गत रतलाम जिले के ताल नगर पंचायत द्वारा नगर व आसपास के करीब दर्जनोभर भर अतिक्रमण व अवैध निर्माणकर्ताओं को नोटिश दिया गया है । जिसमे रोड किनारे संचालित अवैध कारोबारियों के खिलाफ नपा मुहिम चलेगी।
मंत्री कमलनाथ के निर्देशों के बावजूद कतिपय अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते एक और जहां सीएम के निर्देशों की अवहेलना हो रही है दूसरी और अधिकारी सुस्त रवैया के कारण अतिक्रमणकर्ता मस्त हो रहे हैं तो आमजन परेशान का नजारा देखने को मिल रहा है। प्रदेश में माफियाओं के अतिक्रमण हटाने की मुहिम चल रही है लेकिन नगर में स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण तेजी से फल-फूल रहा है, प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। ताल नगर के कई स्थानों पर नगरीय  सीमा में एवं आस-पास यदि शासन-प्रशासन निष्पक्षता से जांच पड़ताल करें तो बड़ी मात्रा में माफिया द्वारा शासकीय जमीन को निजी जमीन बताकर बेची जा चुकी है और गरीब वर्ग अपने आप को असहाय ठगा सा महसूस कर रहा है ।यदी सूत्रों की मानें तो कुछ स्थानों पर तो कुछ दबंगों ने निजी जमीनों  के बदले सरकारी जमीनों पर प्लाट काटकर कॉलोनी बसा दी है ।इसी प्रकार ताल के आसपास जो इस 30से  40 -40 फीट चौड़े नाले हुआ करते थे वह भी माफिया द्वारा अतिक्रमण की भेंट चढ़ गए हैं  ।इसी प्रकार शासन द्वारा वर्षों पहले नगर की पेयजल व्यवस्था के लिए कूप निर्माण कुईयाओ को का निर्माण कराया गया था उन पर पत्थरों पर स्पष्ट  शब्दों में  नगर पालिका के नाम व निर्माण सन का उल्लेख किया हुआ होता था,यदि सूत्रों की माने तो जिसको भी जब जब भी मौका मिला उसने भरपूर मौके का फायदा उठाते हुए घालमेल कर उनको नेस्तनाबूद कर उनपर महल खड़े करवा दिए दो दो तीन तीन मंजिला भवन खड़े कर दिए या फिर दुकान लगा ली गई, अतिक्रमण की भेंट चढ़ी हुई होकर जिम्मेदारों का मुंह चिढ़ा रही है ।यह बात किसी से भी छुपी  नहीं है ।इसी प्रकार जो पानी की टंकियां सीमेंट की बनी हुई थी उन्हें भी कई स्थानों पर जमीन दोज  किया जा चुका है ।क्योंकि उनसे जिम्मेदारों के अर्चन पैदा हो रही थी, नीम चौक ,नगर परिषद चौराहा ,आदि स्थानों पर पक्की सीमेंट की टकीया बनी हुई थी जिसमें नगर परिषद नलों के माध्यम से 10 से 15 नल लगे हुए होते  थे एवं जनता को जल वितरण किया जाता था परंतु उन्हे भी अतिक्रमण कर्ताओं की भेंट चढ़ गई । बड़े-बड़े घन हथौड़े  चला कर उनको तोड़ा गया जो आज भी उसकी आवाज सुनाई देती है ।इसी प्रकार अनगिनत मात्रा में शासकीय भूमि पर अवैध माफिया द्वारा दबंगई से अवैध रूप से कब्जा कर शासन प्रशासन  का मुंह चिढ़ाते हुए उन पर या तो खेतिया की जा रही है या कॉलोनी काट दी गई है। इसकी जांच यदि सूक्ष्मता से की जाए तो माफिया का पर्दाफाश हो सकता है परंतु ऐसा लगता है कि मात्र हवा हवाई ही आदेश  हो रहे हैं ,इसी प्रकार अस्थाई अतिक्रमण की भी नगर में बाढ़ सी आई हुई है जिसे भी अनदेखा किया जा रहा है ।अतिक्रमण हटाने के नाम पर छोटे-मोटे को परेशान कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। दबंग रसूखदारो , कतिपय सफेद  पोशो के खिलाफ कार्रवाई करने की शायद किसी भी जिम्मेदार में साहस नहीं है ।इसी प्रकार ताल आलोट रोड पर पुराने शासकीय कुए व उसके आसपास की भूमि पर भी अवैध अतिक्रमण कर्ताओं द्वारा अपने गीद्ध नजरें गड़ाए हुए हैं जो यदि समय रहते सुध नहीं लिया गया तो वह भी कभी भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ सकती है ।या तो कोई शिकायत नहीं करता है या शिकायत करता भी है तो वह अंतिम निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाती है ।पूर्व में भी नगर की शासकीय भूमि पर अवैध दबंगों के कब्जे को लेकर एक मरहूम पूर्व  पत्रकार द्वारा दबंगता  से बीड़ा उठाया हुआ था परंतु वह भी अपने अंतिम निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई उस पर भी बताया जाता है कि क्या कार्रवाई हुई आज तक किसी की जानकारी नहीं है । नगर में सैकड़ों की संख्या में शासकीय कुईयाऐ मौजूद थी यदि अब भी शासन-प्रशासन द्वारा सुध नहीं ली गई तो जो गिनी चुनी बची है वह भी अतिक्रमण की भेंट चढ जाएंगी ।नगर परिषद स्वयं अपने रिकार्ड में देखें कि क्या हुआ है जमीनी हकीकत क्या है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया कि  अवैध अतिक्रमण को लेकर 26 व्यक्तियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं उनसे जवाब मांगे गए हैं जल्द ही कार्रवाई करूंगा।