मध्य प्रदेश की जनसंपर्क विभाग में दबंग दुनिया सबसे बड़ा अखबार

मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के नजरिये से दबंग दुनिया, सबसे बड़ा अखबार है। दबंग दुनिया को जारी विज्ञापनों की संख्या से ये साबित भी होता है।  जनसंपर्क के 'चौधरी' की कृपा से  अख़बार के पन्नों पर सरकारी विज्ञापन फैले हुए है। कमलनाथ सरकार को मीडिया में गंदगी और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए दबंग दुनिया का ऑडिट जरूर करवाना चाहिए। इसको जनसपर्क से मिले पैसे और अखबार की असलियत से सब सामने आ जायेगा। इंदौर  में बमुश्किल तीन हजार और भोपाल, जबलपुर में 500 कॉपी छपने वाले इस अखबार ने अपना प्रसार के फर्जी आंकड़े देकर बड़ा पैसा जनसम्पर्क से हासिल करने में सफलता हासिल की है। ये फर्जी आंकड़ों और मंत्रियों से साथ फोटो खिचवाकर इस अख़बार के मालिक ने अफसरों और सरकार पर खूब रंग जमाया।  कहा जाता है कि किशोर वाधवानी मंत्रियों के साथ फोटो खिचवाने पर भी मंत्रियों को लाखों रुपये के उपहार देता है , और ऐसी मुलाकात तय करवाने वाले भी उससे मोटी रकम ऐंठ लेते हैं। इस फोटो प्रेमी अखबार मालिक की असली तस्वीर लाने की तैयारी कमलनाथ सरकार ने कर ली  है। पर मंत्री और अफसर अब भी इसके बोझ के तले झुके हुए है। 
दबंग दुनिया को फर्जी प्रसार संख्या के अलावा ऐसे संस्करणों का भी विज्ञापन मिल रहा जो, अस्तित्व में ही नहीं है।  रांची, भिलाई, जयपुर, लखनऊ जैसे कई शहरों से इस अखबार का निकलना बताया जाता है। जबकि इन शहरों में इनके दफ्तर तक नहीं है, न ही कोई रिपोर्टर। यदि प्रिंट लाइन में छपने वाले एड्रेस की पड़ताल की जाए तो सब साफ़ हो जायेगा। अखबार की आड़ में गुटके और जमीनों की हेराफेरी करने वाले इस दलाल की असलियत जनसम्पर्क के चौधरी को पूरी तरह से पता है। पर लाखों के विज्ञापन में लाखों की दलाली ने इस खेल पर पर्दा डाल रखा है। कमलनाथ सरकार ने इस माफिया पर कार्रवाई नहीं की तो 
एक बड़ा माफिया बच निकलेगा। दिल्ली की आरएनआई टीम को इसकी शिकायत मिली है, बहुत जल्द इस अखबार का टाइटल भी रद्द हो सकता